तुम कृष्ण हो मेरे पूरे से मैं राधिका तुम्हारी अधूरी सी। तुम कृष्ण हो मेरे पूरे से मैं राधिका तुम्हारी अधूरी सी।
वो साड़ी वाली लड़की फिर सपनों से खो जाती है.... वो साड़ी वाली लड़की फिर सपनों से खो जाती है....
लोकतन्त्र के नाम पर बदले सिर्फ सवार हैं ! लोकतन्त्र के नाम पर बदले सिर्फ सवार हैं !
ये काल तो एक जाल सा है हर शख्स का अपना हाल सा है चाल तो इन काँटों की एक ही होती है तो हर चाल मे आ... ये काल तो एक जाल सा है हर शख्स का अपना हाल सा है चाल तो इन काँटों की एक ही होत...
बस हो गया विकास तुम्हारा ! बस हो गया विकास तुम्हारा !
दुनिया की रीत में उलझे दो पैर पर खड़े होकर खुद को इंसा समझ बैठे। दुनिया की रीत में उलझे दो पैर पर खड़े होकर खुद को इंसा समझ बैठे।